DETAILED NOTES ON भाग्य VS कर्म

Detailed Notes on भाग्य Vs कर्म

Detailed Notes on भाग्य Vs कर्म

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पॉजिटिव थिंकिंग की अवधारणा इसी स्ट्रेस को कम करने के लिए आई

उद्यमेन हि सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथैः।

अस्पताल में फिलहाल डॉक्टरों की एक विशेषज्ञ टीम उनकी स्थिति पर करीबी निगरानी रख रही है। हालांकि अब तक अस्पताल की ओर से कोई आधिकारिक मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया है।

ek Tale hai jab aambari namak ek hathi tha vh talab mai fas gaya usne bahot koshish ki uss kichad se bahar nikal ne ka but nahi nikla very last mai usne bhagvan ko yad kiya bghvan ne uski madat ki, for the reason that god ne madat isliye kiya ki usne 1st consider kiya and previous mai bhagwan ko bulaya vahi same aapne bhagya and karm ka hota hai agr hum karm krenge to aapne nasib mai jo hai vh quickly mil Hello jayega suggests karm ka fal.

भगवान् के भरोसे मत बैठो….का पता…भगवान् तुम्हरे भरोसे बैठा हो?

कर्म करने वालों से जो बच जाता है वही भाग्य पर भरोसा करने वालों more info को मिलता है”

वास्तव में देखा जाए तो भाग्य और कर्म एक सिक्के के दो पहलू हैं

 And on other hand great and laborious pupil who very seriously pursuits their occupation and work flat out and still they remained jobless.

पुण्यतिथि पर विशेष

खुदा बंदे से खुद पूछे बता तेरी रज़ा क्या है।

हममें से कई लोग मानते हैं कि हमारे भाग्य भगवान द्वारा लिखे गए हैं या वे पहले से ही लिखे हुए हैं और उन्हें बदला नहीं जा सकता। लेकिन धार्मिक दृष्टिकोण से पहला सबक यह मिलता है कि हम भगवान के बच्चे हैं। और यदि यह सत्य है, तो हमारे लिए लिखे गए भाग्य समान और न्यायसंगत होने चाहिए। परंतु आज, हम समझते हैं कि लोगों के जीवन और उनके भाग्य न तो समान हैं और न ही परिपूर्ण। तो, हमारे भाग्य के लिए कौन जिम्मेदार है? हम खुद हैं।

भाग्य कुछ नहीं होता बस भविष्य होता है कर्म सोच और मेहनत का परिणाम है. अगर आप सही कर्म के सारे दाव पेंच अच्छे से निभा रहे है.

जब समय ख़राब हो तो ऊंट पर बैठे इंसान को भी कुत्ता काट लेता है…

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